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भगवद्गीता Bhagavad gita

श्रीमद्भगवद्गीता
श्रीमद्भगवद्गीता
प्रथमोऽध्यायः
प्रथमः Merged प्रथम पुं 1 एक More

SCL प्रथम पुं 1 एक  |  प्रथम{वर्गः पूरणम्} पुं 1 एक  | 
INRIA पुं एक 1 प्रथम  | 

+ अध्यायः Merged अध्याय पुं 1 एक कृदन्त इ4 घञ् धातुः इक् गणः अदादिः More

SCL अध्याय पुं 1 एक{कृदन्त}(इ4 घञ्{धातुः इक्}{गणः अदादिः})  |  ध्यै कर्तरि लङ् म एक परस्मैपदी{धातुः ध्यै}{गणः भ्वादिः}  | 
INRIA पुं एक 1 अध्याय  | 

धृतराष्ट्र उवाच
धृतराष्ट्रः Merged धृतराष्ट्र पुं 1 एक More

SCL धृतराष्ट्र पुं 1 एक  | 

+ उवाच Merged वच् कर्तरि लिट् प्र एक परस्मैपदी धातुः वचँ गणः अदादिः | वच् कर्तरि लिट् उ एक परस्मैपदी धातुः वचँ गणः अदादिः More

SCL वच् कर्तरि लिट् प्र एक परस्मैपदी{धातुः वचँ}{गणः अदादिः}  |  वच् कर्तरि लिट् उ एक परस्मैपदी{धातुः वचँ}{गणः अदादिः}  | 
INRIA एक कर्तरि लिट् प्र वच्  |  एक कर्तरि लिट् उ वच्  | 

धर्मक्षेत्रे कुरुक्षेत्रे समवेता युयुत्सवः
धर्मक्षेत्रे कुरुक्षेत्रे समवेताः Merged समवेत पुं 1 बहु | समवेता स्त्री 1 बहु | समवेता स्त्री 2 बहु More

SCL समवेत पुं 1 बहु  |  समवेत पुं 8 बहु  |  समवेता स्त्री 1 बहु  |  समवेता स्त्री 2 बहु  | 
INRIA पुं बहु 1 समवेत  |  स्त्री बहु 2 समवेत  |  स्त्री बहु 1 समवेत  | 

युयुत्सवः Merged युयुत्सु पुं 1 बहु More

SCL युयुत्सु पुं 1 बहु  |  युयुत्सु पुं 8 बहु  | 
INRIA पुं बहु 1 युयुत्सु  |  स्त्री बहु 1 युयुत्सु  | 

मामकाः पाण्डवाश्चैव किमकुर्वत सञ्जय
मामकाः Merged माम क पुं 1 बहु तद्धित | माम क स्त्री 1 बहु तद्धित | माम क स्त्री 2 बहु तद्धित More

SCL माम क पुं 1 बहु{तद्धित}  |  माम क पुं 8 बहु{तद्धित}  |  माम क स्त्री 1 बहु{तद्धित}  |  माम क स्त्री 2 बहु{तद्धित}  |  माम क स्त्री 8 बहु{तद्धित}  |  मामक पुं 8 बहु  | 
INRIA पुं बहु 1 मामक  |  स्त्री बहु 2 मामक  |  स्त्री बहु 1 मामक  | 

पाण्डवाः Merged पाण्डव पुं 1 बहु More

SCL पाण्डव पुं 1 बहु  |  पाण्डव पुं 8 बहु  | 
INRIA पुं बहु 1 पाण्डव  | 

+ Merged च अव्य More

SCL च अव्य  | 
INRIA अव्य च  | 

+ एव Merged एव नपुं 8 एक | एव पुं 8 एक | एव अव्य More

SCL एव अव्य  |  एव पुं 8 एक  |  एव नपुं 8 एक  | 
INRIA unknown एव  | 

किम् Merged किम् सर्वनाम नपुं 1 एक | किम् सर्वनाम नपुं 2 एक More

SCL किम् अव्य  |  किम् सर्वनाम नपुं 1 एक  |  किम् सर्वनाम नपुं 2 एक  | 
INRIA नपुं एक 2 किम्  |  नपुं एक 1 किम्  | 

+ अकुर्वत Merged कृ कर्तरि लङ् प्र बहु आत्मनेपदी धातुः डुकृञ् गणः तनादिः More

SCL कृ कर्तरि लङ् प्र बहु आत्मनेपदी{धातुः डुकृञ्}{गणः तनादिः}  | 
INRIA बहु आत्मनेपदी लङ् प्र तनादिः कृ  | 

सञ्जय Merged सञ्जय नपुं 8 एक | सञ्जय पुं 8 एक कृदन्त जि1 घञ् धातुः जि गणः भ्वादिः | सम्_जि कर्तरि लोट् म एक परस्मैपदी धातुः जि गणः भ्वादिः | सञ्जय पुं 8 एक More

SCL सञ्जय पुं 8 एक  |  सञ्जय नपुं 8 एक  |  सम्_जि कर्तरि लोट् म एक परस्मैपदी{धातुः जि}{गणः भ्वादिः}  |  सञ्जय पुं 8 एक{कृदन्त}(जि1 घञ्{धातुः जि}{गणः भ्वादिः})  | 

सञ्जय उवाच
सञ्जयः Merged सञ्जय पुं 1 एक कृदन्त जि1 घञ् धातुः जि गणः भ्वादिः More

SCL सञ्जय पुं 1 एक{कृदन्त}(जि1 घञ्{धातुः जि}{गणः भ्वादिः})  | 
INRIA पुं एक 1 सञ्जय  | 

+ उवाच Merged वच् कर्तरि लिट् प्र एक परस्मैपदी धातुः वचँ गणः अदादिः | वच् कर्तरि लिट् उ एक परस्मैपदी धातुः वचँ गणः अदादिः More

SCL वच् कर्तरि लिट् प्र एक परस्मैपदी{धातुः वचँ}{गणः अदादिः}  |  वच् कर्तरि लिट् उ एक परस्मैपदी{धातुः वचँ}{गणः अदादिः}  | 
INRIA एक कर्तरि लिट् प्र वच्  |  एक कर्तरि लिट् उ वच्  | 

दृष्ट्वा तु पाण्डवानीकं व्यूढं दुर्योधनस्तदा
दृष्ट्वा Merged दृश् अव्य क्त्वा धातुः दृशिँर् गणः भ्वादिः कृदन्त More

SCL दृश् अव्य क्त्वा{धातुः दृशिँर्}{गणः भ्वादिः}{कृदन्त}  | 

तु Merged तु अव्य More

SCL तु अव्य  | 
INRIA अव्य तु  | 

पाण्डवानीकं व्यूढं Merged व्यूढ पुं 2 एक कृदन्त ऊह्1 क्त धातुः ऊहँ गणः भ्वादिः | व्यूढ नपुं 1 एक कृदन्त ऊह्1 क्त धातुः ऊहँ गणः भ्वादिः | व्यूढ नपुं 2 एक कृदन्त ऊह्1 क्त धातुः ऊहँ गणः भ्वादिः More

SCL व्यूढ पुं 2 एक{कृदन्त}(ऊह्1 क्त{धातुः ऊहँ}{गणः भ्वादिः})  |  व्यूढ नपुं 1 एक{कृदन्त}(ऊह्1 क्त{धातुः ऊहँ}{गणः भ्वादिः})  |  व्यूढ नपुं 2 एक{कृदन्त}(ऊह्1 क्त{धातुः ऊहँ}{गणः भ्वादिः})  |  व्यूढ पुं 2 एक{कृदन्त}(वह्1 क्त{धातुः वहँ}{गणः भ्वादिः})  |  व्यूढ नपुं 1 एक{कृदन्त}(वह्1 क्त{धातुः वहँ}{गणः भ्वादिः})  |  व्यूढ नपुं 2 एक{कृदन्त}(वह्1 क्त{धातुः वहँ}{गणः भ्वादिः})  | 
INRIA पुं एक 2 व्यूढ  |  नपुं एक 2 व्यूढ  |  नपुं एक 1 व्यूढ  | 

दुर्योधनः Merged दुर्योधन पुं 1 एक More

SCL दुर्योधन पुं 1 एक  | 
INRIA पुं एक 1 दुर्योधन  | 

+ तदा Merged तदा अव्य More

SCL तदा अव्य  | 
INRIA अव्य तदा  | 

आचार्यमुपसङ्गम्य राजा वचनमब्रवीत्
आचार्यम् Merged आचार्य पुं 2 एक | आचार्य नपुं 1 एक कृदन्त चर्1 ण्यत् धातुः चरँ गणः भ्वादिः | आचार्य नपुं 2 एक कृदन्त चर्1 ण्यत् धातुः चरँ गणः भ्वादिः More

SCL आचार्य पुं 2 एक  |  आचार्य पुं 2 एक{कृदन्त}(चर्1 ण्यत्{धातुः चरँ}{गणः भ्वादिः})  |  आचार्य नपुं 1 एक{कृदन्त}(चर्1 ण्यत्{धातुः चरँ}{गणः भ्वादिः})  |  आचार्य नपुं 2 एक{कृदन्त}(चर्1 ण्यत्{धातुः चरँ}{गणः भ्वादिः})  | 
INRIA पुं एक 2 आचार्य  |  नपुं एक 2 आचार्य  |  नपुं एक 1 आचार्य  | 

+ उपसङ्गम्य Merged उप_सम्_गम् अव्य ल्यप् धातुः गमॢँ गणः भ्वादिः कृदन्त More

SCL उप_सम्_गम् अव्य ल्यप्{धातुः गमॢँ}{गणः भ्वादिः}{कृदन्त}  | 

राजा Merged राजन् पुं 1 एक More

SCL राज् पुं 3 एक  |  राज् नपुं 3 एक  |  राज् स्त्री 3 एक  |  राजन् पुं 1 एक  | 
INRIA पुं एक 1 राजन्  | 

वचनम् Merged वचन नपुं 1 एक | वचन नपुं 2 एक More

SCL वचन नपुं 1 एक  |  वचन नपुं 2 एक  |  वचन नपुं 1 एक{कृदन्त}(वच्1 ल्युट्{धातुः वचँ}{गणः अदादिः})  |  वचन नपुं 2 एक{कृदन्त}(वच्1 ल्युट्{धातुः वचँ}{गणः अदादिः})  |  वचन नपुं 1 एक{कृदन्त}(ब्रू1 ल्युट्{धातुः ब्रूञ्}{गणः अदादिः})  |  वचन नपुं 2 एक{कृदन्त}(ब्रू1 ल्युट्{धातुः ब्रूञ्}{गणः अदादिः})  | 
INRIA नपुं एक 2 वचन  |  नपुं एक 1 वचन  | 

+ अब्रवीत् Merged ब्रू कर्तरि लङ् प्र एक परस्मैपदी धातुः ब्रूञ् गणः अदादिः More

SCL ब्रू कर्तरि लङ् प्र एक परस्मैपदी{धातुः ब्रूञ्}{गणः अदादिः}  | 
INRIA एक कर्तरि लङ् प्र अदादिः ब्रू  | 

पश्यैतां पाण्डुपुत्राणामाचार्य महतीं चमूम्
पश्य Merged दृश् कर्तरि लोट् म एक परस्मैपदी धातुः दृशिँर् गणः भ्वादिः More

SCL दृश् कर्तरि लोट् म एक परस्मैपदी{धातुः दृशिँर्}{गणः भ्वादिः}  | 
INRIA एक कर्तरि लोट् म दिवादिः पश्  | 

+ एतां Merged एतद् सर्वनाम स्त्री 2 एक More

SCL एतद् सर्वनाम स्त्री 2 एक  |  आङ्_इ कर्तरि लोट् प्र द्वि परस्मैपदी{धातुः इण्}{गणः अदादिः}  | 
INRIA स्त्री एक 2 एत  | 

पाण्डुपुत्राणाम् + आचार्य Merged आचार्य नपुं 8 एक कृदन्त चर्1 ण्यत् धातुः चरँ गणः भ्वादिः | आचार्य पुं 8 एक कृदन्त चर्1 ण्यत् धातुः चरँ गणः भ्वादिः | आचार्य पुं 8 एक More

SCL आचार्य पुं 8 एक  |  आचार्य पुं 8 एक{कृदन्त}(चर्1 ण्यत्{धातुः चरँ}{गणः भ्वादिः})  |  आचार्य नपुं 8 एक{कृदन्त}(चर्1 ण्यत्{धातुः चरँ}{गणः भ्वादिः})  | 

महतीं Merged महती स्त्री 2 एक More

SCL महती स्त्री 2 एक  | 
INRIA स्त्री एक 2 महत्  | 

चमूम् Merged चमू स्त्री 2 एक More

SCL चमू स्त्री 2 एक  | 
INRIA स्त्री एक 2 चमू  | 

व्यूढां द्रुपदपुत्रेण तव शिष्येण धीमता
व्यूढां Merged व्यूढा स्त्री 2 एक कृदन्त ऊह्1 क्त धातुः ऊहँ गणः भ्वादिः More

SCL व्यूढा स्त्री 2 एक{कृदन्त}(ऊह्1 क्त{धातुः ऊहँ}{गणः भ्वादिः})  |  व्यूढा स्त्री 2 एक{कृदन्त}(वह्1 क्त{धातुः वहँ}{गणः भ्वादिः})  | 
INRIA स्त्री एक 2 व्यूढ  | 

द्रुपदपुत्रेण तव Merged युष्मद् सर्वनाम 6 एक More

SCL युष्मद् सर्वनाम 6 एक  | 
INRIA एक 6 युष्मद्  | 

शिष्येण Merged शिष्य नपुं 3 एक कृदन्त शास्1 यत् धातुः शासुँ गणः अदादिः | शिष्य पुं 3 एक More

SCL शिष्य पुं 3 एक  |  शिष्य पुं 3 एक{कृदन्त}(शास्1 यत्{धातुः शासुँ}{गणः अदादिः})  |  शिष्य नपुं 3 एक{कृदन्त}(शास्1 यत्{धातुः शासुँ}{गणः अदादिः})  |  शिष्य पुं 3 एक{कृदन्त}(शास्1 ण्यत्{धातुः शासुँ}{गणः अदादिः})  |  शिष्य नपुं 3 एक{कृदन्त}(शास्1 ण्यत्{धातुः शासुँ}{गणः अदादिः})  | 
INRIA पुं एक 3 शिष्य  |  नपुं एक 3 शिष्य  | 

धीमता Merged धीमत् पुं 3 एक More

SCL धीमत् पुं 3 एक  | 
INRIA पुं एक 3 धीमत्  |  नपुं एक 3 धीमत्  | 

अत्र शूरा महेष्वासा भीमार्जुनसमा युधि
अत्र Merged अत्र अव्य More

SCL अत्र अव्य  | 
INRIA अव्य अत्र  | 

शूराः Merged शूर पुं 1 बहु | शूरा स्त्री 1 बहु | शूरा स्त्री 2 बहु More

SCL शूर पुं 1 बहु  |  शूर पुं 8 बहु  |  शूरा स्त्री 1 बहु  |  शूरा स्त्री 2 बहु  | 
INRIA पुं बहु 1 शूर  |  स्त्री बहु 2 शूर  |  स्त्री बहु 1 शूर  | 

+ महेष्वासा भीमार्जुनसमा युधि Merged युध् स्त्री 7 एक More

SCL युध् स्त्री 7 एक  | 
INRIA पुं एक 7 युध्  |  स्त्री एक 7 युध्  | 

युयुधानो विराटश्च द्रुपदश्च महारथः
युयुधानः Merged युयुधान पुं 1 एक More

SCL युयुधान पुं 1 एक  | 
INRIA पुं एक 1 युयुधान  | 

+ विराटः Merged विराट पुं 1 एक More

SCL विराट पुं 1 एक  | 
INRIA पुं एक 1 विराट  | 

+ Merged च अव्य More

SCL च अव्य  | 
INRIA अव्य च  | 

द्रुपदः Merged द्रुपद पुं 1 एक More

SCL द्रुपद पुं 1 एक  | 
INRIA पुं एक 1 द्रुपद  | 

+ Merged च अव्य More

SCL च अव्य  | 
INRIA अव्य च  | 

महारथः
धृष्टकेतुश्चेकितानः काशिराजश्च वीर्यवान्
धृष्टकेतुः Merged धृष्टकेतु पुं 1 एक More

SCL धृष्टकेतु पुं 1 एक  | 

+ चेकितानः Merged चेकितान पुं 1 एक More

SCL चेकितान पुं 1 एक  | 
INRIA पुं एक 1 चेकितान  | 

काशिराजः Merged काशिराज पुं 1 एक More

SCL काशिराज पुं 1 एक  | 

+ Merged च अव्य More

SCL च अव्य  | 
INRIA अव्य च  | 

वीर्यवान् Merged वीर्यवत् पुं 1 एक More

SCL वीर्यवत् पुं 1 एक  | 
INRIA पुं एक 1 वीर्यवत्  | 

पुरुजित्कुन्तिभोजश्च शैब्यश्च नरपुङ्गवः
पुरुजित् Merged पुरुजित् पुं 1 एक More

SCL पुरुजित् पुं 1 एक  | 

+ कुन्तिभोजः Merged कुन्तिभोज पुं 1 एक More

SCL कुन्तिभोज पुं 1 एक  | 

+ Merged च अव्य More

SCL च अव्य  | 
INRIA अव्य च  | 

शैब्यः Merged शैब्य पुं 1 एक More

SCL शैब्य पुं 1 एक  | 
INRIA पुं एक 1 शैब्य स्त्री बहु 1 शैब  | 

+ Merged च अव्य More

SCL च अव्य  | 
INRIA अव्य च  | 

नरपुङ्गवः
युधामन्युश्च विक्रान्त उत्तमौजाश्च वीर्यवान्
युधामन्युः Merged युधामन्यु पुं 1 एक More

SCL युधामन्यु पुं 1 एक  | 
INRIA पुं एक 1 युधामन्यु  | 

+ Merged च अव्य More

SCL च अव्य  | 
INRIA अव्य च  | 

विक्रान्तः Merged विक्रान्त पुं 1 एक More

SCL विक्रान्त पुं 1 एक  |  विक्रान्तृ पुं 8 एक  |  विक्रान्त पुं 1 एक{कृदन्त}(क्रम्1 क्त{धातुः क्रमुँ}{गणः भ्वादिः})  | 
INRIA पुं एक 1 विक्रान्त  | 

+ उत्तमौजाः + Merged च अव्य More

SCL च अव्य  | 
INRIA अव्य च  | 

वीर्यवान् Merged वीर्यवत् पुं 1 एक More

SCL वीर्यवत् पुं 1 एक  | 
INRIA पुं एक 1 वीर्यवत्  | 

सौभद्रो द्रौपदेयाश्च सर्व एव महारथाः
सौभद्रः Merged सौभद्र पुं 1 एक More

SCL सौभद्र पुं 1 एक  | 
INRIA पुं एक 1 सौभद्र  | 

+ द्रौपदेयाः Merged द्रौपदेय पुं 1 बहु More

SCL द्रौपदेय पुं 1 बहु  | 
INRIA पुं बहु 1 द्रौपदेय  | 

+ Merged च अव्य More

SCL च अव्य  | 
INRIA अव्य च  | 

सर्वे Merged सर्व सर्वनाम नपुं 1 द्वि | सर्व सर्वनाम नपुं 2 द्वि | सर्व सर्वनाम पुं 1 बहु More

SCL सर्व सर्वनाम पुं 1 बहु  |  सर्व सर्वनाम नपुं 1 द्वि  |  सर्व सर्वनाम नपुं 2 द्वि  |  सर्वा सर्वनाम स्त्री 1 द्वि  |  सर्वा सर्वनाम स्त्री 2 द्वि  | 
INRIA पुं बहु 1 सर्व  |  पुं एक 7 सर्व  |  नपुं द्वि 2 सर्व  |  नपुं द्वि 1 सर्व  |  नपुं एक 7 सर्व  | 

+ एव Merged एव नपुं 8 एक | एव पुं 8 एक | एव अव्य More

SCL एव अव्य  |  एव पुं 8 एक  |  एव नपुं 8 एक  | 
INRIA unknown एव  | 

महारथाः
अस्माकं तु विशिष्टा ये तान्निबोध द्वीजोत्तम
अस्माकं Merged अस्मद् सर्वनाम 6 बहु More

SCL अस्मद् सर्वनाम 6 बहु  | 
INRIA बहु 6 अस्मद्  | 

तु Merged तु अव्य More

SCL तु अव्य  | 
INRIA अव्य तु  | 

विशिष्टाः Merged विशिष् तल् स्त्री 2 बहु तद्धित | विशिष् तल् स्त्री 1 बहु तद्धित | विशिष्ट पुं 1 बहु कृदन्त शिष्3 क्त धातुः शिषँ गणः चुरादिः More

SCL विशिष् तल् स्त्री 1 बहु{तद्धित}  |  विशिष् तल् स्त्री 2 बहु{तद्धित}  |  विशिष् तल् स्त्री 8 बहु{तद्धित}  |  विशिष्ट पुं 1 बहु{कृदन्त}(शिष्3 क्त{धातुः शिषँ}{गणः चुरादिः})  |  विशिष्ट पुं 8 बहु{कृदन्त}(शिष्3 क्त{धातुः शिषँ}{गणः चुरादिः})  |  विशिष्टा स्त्री 1 बहु{कृदन्त}(शिष्3 क्त{धातुः शिषँ}{गणः चुरादिः})  |  विशिष्टा स्त्री 2 बहु{कृदन्त}(शिष्3 क्त{धातुः शिषँ}{गणः चुरादिः})  |  विशिष्टा स्त्री 8 बहु{कृदन्त}(शिष्3 क्त{धातुः शिषँ}{गणः चुरादिः})  | 
INRIA पुं बहु 1 विशिष्ट  |  स्त्री बहु 2 विशिष्ट  |  स्त्री बहु 1 विशिष्ट  | 

+ ये Merged यद् सर्वनाम नपुं 2 द्वि | यद् सर्वनाम नपुं 1 द्वि | यद् सर्वनाम पुं 1 बहु | या स्त्री 2 द्वि | या स्त्री 1 द्वि More

SCL या स्त्री 1 द्वि  |  या स्त्री 2 द्वि  |  या स्त्री 8 एक  |  या स्त्री 8 द्वि  |  यद् सर्वनाम पुं 1 बहु  |  यद् सर्वनाम नपुं 1 द्वि  |  यद् सर्वनाम नपुं 2 द्वि  |  यद् सर्वनाम स्त्री 1 द्वि  |  यद् सर्वनाम स्त्री 2 द्वि  | 
INRIA नपुं द्वि 2 यद्  |  नपुं द्वि 1 यद्  |  पुं बहु 1 यद्  |  स्त्री द्वि 2 यद्  |  स्त्री द्वि 1 यद्  | 

तान् Merged तद् सर्वनाम पुं 2 बहु More

SCL तद् सर्वनाम पुं 2 बहु  | 
INRIA पुं बहु 2 तद्  | 

+ निबोध Merged नि_बुध् कर्तरि लोट् म एक परस्मैपदी धातुः बुधिँर् गणः भ्वादिः | निबोध पुं 8 एक कृदन्त बुध्1 घञ् धातुः बुधँ गणः भ्वादिः | निबोध पुं 8 एक कृदन्त बुध्3 घञ् धातुः बुधँ गणः दिवादिः More

SCL निबोध पुं 8 एक{कृदन्त}(बुध्1 घञ्{धातुः बुधँ}{गणः भ्वादिः})  |  निबोध पुं 8 एक{कृदन्त}(बुध्2 घञ्{धातुः बुधिँर्}{गणः भ्वादिः})  |  निबोध पुं 8 एक{कृदन्त}(बुध्3 घञ्{धातुः बुधँ}{गणः दिवादिः})  |  नि_बुध् कर्तरि लोट् म एक परस्मैपदी{धातुः बुधिँर्}{गणः भ्वादिः}  |  नि_बुध् कर्तरि लोट् म एक परस्मैपदी{धातुः बुधँ}{गणः भ्वादिः}  | 

द्वीजोत्तम
नायका मम सैन्यस्य सञ्ज्ञार्थं तान्ब्रवीमि ते
नायकाः Merged नाय क पुं 1 बहु तद्धित More

SCL नाय क पुं 1 बहु{तद्धित}  |  नाय क पुं 8 बहु{तद्धित}  |  नाय क स्त्री 1 बहु{तद्धित}  |  नाय क स्त्री 2 बहु{तद्धित}  |  नाय क स्त्री 8 बहु{तद्धित}  |  नायक पुं 1 बहु  |  नायक पुं 8 बहु  |  नायक पुं 1 बहु{कृदन्त}(णी1 ण्वुल्{धातुः णीञ्}{गणः भ्वादिः})  |  नायक पुं 8 बहु{कृदन्त}(णी1 ण्वुल्{धातुः णीञ्}{गणः भ्वादिः})  |  नायक पुं 1 बहु{कृदन्त}(णय्1 ण्वुल्{धातुः णयँ}{गणः भ्वादिः})  |  नायक पुं 8 बहु{कृदन्त}(णय्1 ण्वुल्{धातुः णयँ}{गणः भ्वादिः})  | 
INRIA पुं बहु 1 नायक  | 

+ मम Merged मा कर्तरि लिट् म बहु परस्मैपदी धातुः मा गणः अदादिः More

SCL अस्मद् सर्वनाम 6 एक  |  मा कर्तरि लिट् म बहु परस्मैपदी{धातुः मा}{गणः अदादिः}  | 
INRIA बहु कर्तरि लिट् म मा बहु कर्तरि लिट् म मा  | 

सैन्यस्य Merged सैन्य नपुं 6 एक | सैन्य पुं 6 एक More

SCL सैन्य पुं 6 एक  |  सैन्य नपुं 6 एक  | 
INRIA पुं एक 6 सैन्य  |  नपुं एक 6 सैन्य  | 

सञ्ज्ञार्थं तान् Merged तद् सर्वनाम पुं 2 बहु More

SCL तद् सर्वनाम पुं 2 बहु  | 
INRIA पुं बहु 2 तद्  | 

+ ब्रवीमि Merged ब्रू कर्तरि लट् उ एक परस्मैपदी धातुः ब्रूञ् गणः अदादिः More

SCL ब्रू कर्तरि लट् उ एक परस्मैपदी{धातुः ब्रूञ्}{गणः अदादिः}  | 
INRIA एक कर्तरि लट् उ अदादिः ब्रू  | 

ते Merged तद् सर्वनाम स्त्री 1 द्वि | युष्मद् सर्वनाम 4 एक | तद् सर्वनाम नपुं 1 द्वि | तद् सर्वनाम पुं 1 बहु | तद् सर्वनाम स्त्री 2 द्वि | युष्मद् सर्वनाम 6 एक | तद् सर्वनाम नपुं 2 द्वि More

SCL तद् सर्वनाम पुं 1 बहु  |  तद् सर्वनाम नपुं 1 द्वि  |  तद् सर्वनाम नपुं 2 द्वि  |  तद् सर्वनाम स्त्री 1 द्वि  |  तद् सर्वनाम स्त्री 2 द्वि  |  युष्मद् सर्वनाम 4 एक  |  युष्मद् सर्वनाम 6 एक  | 
INRIA नपुं द्वि 2 तद्  |  नपुं द्वि 1 तद्  |  पुं बहु 1 तद्  |  स्त्री द्वि 2 तद्  |  स्त्री द्वि 1 तद् एक 6 युष्मद्  |  एक 4 युष्मद्  | 

भवान्भीष्मश्च कर्णश्च कृपश्च समितिञ्जयः
भवान् Merged भव पुं 2 बहु | भवत् सर्वनाम पुं 1 एक More

SCL भव पुं 2 बहु  |  भवत् सर्वनाम पुं 1 एक  | 
INRIA पुं बहु 2 भव पुं एक 1 भवत्  | 

+ भीष्मः Merged भीष्म पुं 1 एक More

SCL भीष्म पुं 1 एक  | 
INRIA पुं एक 1 भीष्म  | 

+ Merged च अव्य More

SCL च अव्य  | 
INRIA अव्य च  | 

कर्णः Merged कर्ण पुं 1 एक More

SCL कर्ण पुं 1 एक  | 
INRIA पुं एक 1 कर्ण  | 

+ Merged च अव्य More

SCL च अव्य  | 
INRIA अव्य च  | 

कृपः Merged कृप पुं 1 एक More

SCL कृप पुं 1 एक  | 
INRIA पुं एक 1 कृप  | 

+ Merged च अव्य More

SCL च अव्य  | 
INRIA अव्य च  | 

समितिञ्जयः
अश्वत्थामा विकर्णश्च सौमदत्तिस्तथैव च
अश्वत्थामा Merged अश्वत्थामन् पुं 1 एक More

SCL अश्वत्थामन् पुं 1 एक  | 
INRIA पुं एक 1 अश्वत्थामन्  | 

विकर्णः + Merged च अव्य More

SCL च अव्य  | 
INRIA अव्य च  | 

सौमदत्तिः Merged सौमदत्ति पुं 1 एक More

SCL सौमदत्ति पुं 1 एक  | 
INRIA पुं एक 1 सौमदत्ति  | 

+ तथा Merged तथा अव्य More

SCL तथा अव्य  | 
INRIA अव्य तथा  | 

+ एव Merged एव नपुं 8 एक | एव पुं 8 एक | एव अव्य More

SCL एव अव्य  |  एव पुं 8 एक  |  एव नपुं 8 एक  | 
INRIA unknown एव  | 

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SCL च अव्य  | 
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अन्ये च बहवः शूरा मदर्थे त्यक्तजीविताः
अन्ये Merged अन्या स्त्री 1 द्वि | अन्य नपुं 1 द्वि | अन्य सर्वनाम पुं 1 बहु | अन्या स्त्री 2 द्वि | अन्य नपुं 2 द्वि More

SCL अन्य नपुं 1 द्वि  |  अन्य नपुं 2 द्वि  |  अन्य नपुं 7 एक  |  अन्य नपुं 8 द्वि  |  अन्य सर्वनाम पुं 1 बहु  |  अन्य सर्वनाम नपुं 1 द्वि  |  अन्य सर्वनाम नपुं 2 द्वि  |  अन्या स्त्री 1 द्वि  |  अन्या स्त्री 2 द्वि  |  अन्या सर्वनाम स्त्री 1 द्वि  |  अन्या सर्वनाम स्त्री 2 द्वि  |  अन् भावे लट् उ एक आत्मनेपदी{धातुः अनँ}{गणः अदादिः}  | 
INRIA पुं बहु 1 अन्य  |  स्त्री द्वि 2 अन्य  |  स्त्री द्वि 1 अन्य  |  नपुं द्वि 2 अन्य  |  नपुं द्वि 1 अन्य  | 

Merged च अव्य More

SCL च अव्य  | 
INRIA अव्य च  | 

बहवः Merged बहु पुं 1 बहु | बहु स्त्री 1 बहु More

SCL बहु पुं 1 बहु  |  बहु पुं 8 बहु  |  बहु स्त्री 1 बहु  |  बहु स्त्री 8 बहु  |  बहु स्त्री 2 बहु  | 
INRIA पुं बहु 1  |  स्त्री बहु 1  | 

शूराः Merged शूर पुं 1 बहु | शूरा स्त्री 1 बहु | शूरा स्त्री 2 बहु More

SCL शूर पुं 1 बहु  |  शूर पुं 8 बहु  |  शूरा स्त्री 1 बहु  |  शूरा स्त्री 2 बहु  | 
INRIA पुं बहु 1 शूर  |  स्त्री बहु 2 शूर  |  स्त्री बहु 1 शूर  | 

+ मदर्थे त्यक्तजीविताः
नानाशस्त्रप्रहरणाः सर्वे युद्धविशारदाः
नानाशस्त्रप्रहरणाः सर्वे Merged सर्व सर्वनाम नपुं 1 द्वि | सर्व सर्वनाम नपुं 2 द्वि | सर्व सर्वनाम पुं 1 बहु More

SCL सर्व सर्वनाम पुं 1 बहु  |  सर्व सर्वनाम नपुं 1 द्वि  |  सर्व सर्वनाम नपुं 2 द्वि  |  सर्वा सर्वनाम स्त्री 1 द्वि  |  सर्वा सर्वनाम स्त्री 2 द्वि  | 
INRIA पुं बहु 1 सर्व  |  पुं एक 7 सर्व  |  नपुं द्वि 2 सर्व  |  नपुं द्वि 1 सर्व  |  नपुं एक 7 सर्व  | 

युद्धविशारदाः
अपर्याप्तं तदस्माकं बलं भीष्माभिरक्षितम्
अपर्याप्तं तत् Merged तद् सर्वनाम नपुं 1 एक | तद् सर्वनाम नपुं 2 एक More

SCL तत् अव्य  |  तद् सर्वनाम नपुं 1 एक  |  तद् सर्वनाम नपुं 2 एक  | 
INRIA नपुं एक 2 तद्  |  नपुं एक 1 तद्  | 

+ अस्माकं Merged अस्मद् सर्वनाम 6 बहु More

SCL अस्मद् सर्वनाम 6 बहु  | 
INRIA बहु 6 अस्मद्  | 

बलं Merged बल पुं 2 एक | बल नपुं 1 एक | बल नपुं 2 एक More

SCL बल पुं 2 एक  |  बल नपुं 1 एक  |  बल नपुं 2 एक  | 
INRIA नपुं एक 2 बल  |  नपुं एक 1 बल  |  पुं एक 2 बल  | 

भीष्माभिरक्षितम्
पर्याप्तं त्विदमेतेषां बलं भीमाभिरक्षितम्
पर्याप्तं Merged पर्याप्त नपुं 2 एक | पर्याप्त पुं 2 एक कृदन्त आप्1 क्त धातुः आपॢँ गणः स्वादिः | पर्याप्त नपुं 1 एक More

SCL पर्याप्त नपुं 1 एक  |  पर्याप्त नपुं 2 एक  |  पर्याप्त पुं 2 एक{कृदन्त}(आप्1 क्त{धातुः आपॢँ}{गणः स्वादिः})  |  पर्याप्त नपुं 1 एक{कृदन्त}(आप्1 क्त{धातुः आपॢँ}{गणः स्वादिः})  |  पर्याप्त नपुं 2 एक{कृदन्त}(आप्1 क्त{धातुः आपॢँ}{गणः स्वादिः})  |  पर्याप्त पुं 2 एक{कृदन्त}(आप्1 क्त{धातुः आपॢँ}{गणः स्वादिः})  |  पर्याप्त नपुं 1 एक{कृदन्त}(आप्1 क्त{धातुः आपॢँ}{गणः स्वादिः})  |  पर्याप्त नपुं 2 एक{कृदन्त}(आप्1 क्त{धातुः आपॢँ}{गणः स्वादिः})  | 
INRIA पुं एक 2 पर्याप्त  |  नपुं एक 2 पर्याप्त  |  नपुं एक 1 पर्याप्त  | 

तु Merged तु अव्य More

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+ इदम् Merged इदम् सर्वनाम नपुं 1 एक | इदम् सर्वनाम नपुं 2 एक More

SCL इदम् सर्वनाम नपुं 1 एक  |  इदम् सर्वनाम नपुं 2 एक  | 
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+ एतेषां Merged एतद् सर्वनाम नपुं 6 बहु | एतद् सर्वनाम पुं 6 बहु More

SCL एतद् सर्वनाम पुं 6 बहु  |  एतद् सर्वनाम नपुं 6 बहु  | 
INRIA नपुं बहु 6 एतद्  |  पुं बहु 6 एतद्  | 

बलं Merged बल पुं 2 एक | बल नपुं 1 एक | बल नपुं 2 एक More

SCL बल पुं 2 एक  |  बल नपुं 1 एक  |  बल नपुं 2 एक  | 
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भीमाभिरक्षितम्