सुन्नर,सुन्दर णअ,नट कअल,कदल थल,स्थल काल,काल मंडल,मण्डल सीह,सिंह वग्घ,व्याघ्र मअ,मृग हरिण,हरिण कुरंग,कुरङ्ग सूअर,शूकर जंबुअ,जम्बुक सियाल,शृगाल विडाल,विडाल घोड,घोटक महिस,महिष हंस,हंस सारस,सारस, गोव,गोप चंडाल,चण्डाल बंभण,ब्राह्मण रक्खस,राक्षस निसाअर,निशाचर साहण,साधन साहण,साधारण कुरुचर,कुरुचर नील,नील काल,काल हसमाण,हसमाण सुप्पणह,शूर्पनख छाह,छाय हलद्द,हरिद्र क,किम् ज,यद् त,तद् मायामह,मातामह कअल,कदल मअ,मृग रक्खस,राक्षस जाणवद,जानपद कुंड,कुण्ड थल,स्थल गोणा,गोण भाग,भाज कुस,कुश इंद,इन्द्र सव्व,शर्व रुद्द,रुद्र अअ,अज चडअ,चटक मूसिअ,मूषिक बाल,बाल वच्छ,वत्स कोइल,कोकिल चवल,चपल निउण,निपुण मलिण,मलिन चउर-चतुर, पढम,प्रथम वीय,द्वितीय राया,राजन् बंभण,ब्रह्मन् हत्थि हस्तिन् कुंभआरी,कुम्भकार लोहआर,लोहकार कुमार,कुमार सिरीमअ,श्रीमत् पुत्तवअ,पुत्रवत् धणवअ,धनवत् गुणवअ,गुणवत् पांयत,पिवत् गोर,गौर माणुस,मनुष्य मच्छ, मत्स्य णट्ठअ,नर्तक खणअ,खनक पहिअ,पथिक कुमार,कुमार किसोर,किशोर सुन्नर,सुन्दर णअ,नट कअल,कदल थल,स्थल काल,काल मंडल,मण्डल सीह,सिंह वग्घ,व्याघ्र मअ,मृग हरिण,हरिण कुरंग,कुरङ्ग सूअर,शूकर जंबुअ,जम्बुक सियाल,शृगाल